अपने हरे मेंढक या हल्के काले मेंढक तो देखें होंगे लेकिन पीले मेंढक नहीं देखे तो आइये आपको हम ले चलते हैं मध्य प्रदेश जहां से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के एक तलाब में दुलर्भ प्रजाति के ढेर सारे मेंढक देखने को मिल रहे हैं। जो पीले रंग के मेंढक हैं जो दिखने में तो काफी आकर्षक दिख रहे हैं लेकिन वहां के लोग अपने अपने हिसाब से अनुमान लगा रहे हैं कि यह जहरीले भी हो सकते हैं।
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मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के आमगांव में आजकल बरसात होने के कारण गाँव के एक स्थान पर बड़ी संख्या में दुलर्भ प्रजाति के पीले रंग के मेंढक देखने को मिल रहे हैं। वहां पीले रंग के मेंढकों की संख्या बहुत ज्यादा देखने को मिल रही है। बरसात में अचानक ही मेंढकों का झुंड निकलने के कारण वहां के लोग इन दुलर्भ प्रजाति के मेंढकों को देखते ही दूर भाग रहे हैं।
वहां के लोगों ने पहले हल्के हरे, हल्के काले रंग के मेंढक देखे हुए थे अब अचानक पीले रंग के मेंढक देखकर वहां के लोगों का मानना है कि यह मेंढक जहरीले भी हो सकते हैं। और इन्हें मारने का प्रयास भी किया जा रहा है इन मेंढकों की आवाज भी दूसरे मेंढकों से काफी अलग है।
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इंडियन बुल फ्रॉग
इन दुलर्भ प्रजाति के मेंढकों को देखकर लोग काफी आश्चर्य में हैं और इनके जहरीले होने की आशंका के चलते काफी डरे हुए भी हैं। जिसके चलते लोगों द्वारा इनको नुकसान पहुंचाने का प्रयास भी किया गया है। जानकारी के अभाव में लोग इन दुलर्भ प्रजाति के मेंढकों को जहरीला समझते हैं।लेकिन पर्यावरणविद की बात माने तो मेंढकों की यह दुलर्भ प्रजाति सिर्फ भारत में पाई जाती है जिसे इंडियन बुल फ्रॉग के नाम से जाना जाता है। जुलाई का महीना इनका प्रजनन का महीना होता है जिससे बारिश में इनका रंग बदलकर गहरा पीला हो जाता है इस वजह से लोग इसे जहरीला समझते हैं लेकिन यह मेंढक जहरीले नहीं होते।
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किसानों के लिए फायदेमंद
पर्यावरणविद के अनुसार ये दुर्लभ प्रजाति का मेंढक इंडियन बुल फ्रॉग किसानों के लिए भी काफी लाभदायक है। ये मेंढक फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को नियंत्रण करने के लिए फायदेमंद हैं। हमे इनसे डरने की आवश्यकता नहीं है बल्कि इस प्रजाति के मेंढकों को सहेजने की जरूरत है और यह किसानों के सबसे अच्छे दोस्त भी कहे जा सकते हैं।अधिकतर लोग जानकारी की अज्ञानता और अभाव के कारण प्रकृति के ऐसे जीवों को नुकसान पहुंचाने लगते हैं जो प्रकृति के लिए और हमारे लिए लाभदायक हैं। हमे जरूरत है कि इंडियन बुल फ्रॉग जैसे दुर्लभ प्रजाति के जीवों से डरे नहीं बल्कि इनका प्रकृति के लिए लाभ और जानकारी लोगों तक पहुंचाएं।
इस प्रजाति के मेंढक कहां पाये जाते हैं
इस प्रजाति के मेंढक ज़्यादातर पश्चिम बंगाल के हावड़ा में पाये जाते हैं और इस प्रजाति के मेंढक जंगलों में भी पाए जाते हैं। लेकिन समुद्री द्वीप पर इनका डेरा अधिक रहता है और अब यह शहरों, गाँव में भी दिखने लगे हैं। तो इससे यह पता चलता है कि अब इन पीले मेंढकों की तादाद ज्यादा तेजी से बढ़ रही है।यह भी पढे : दुनिया की सबसे अजीब और रहस्यमय झील जिसने अपने अंदर समाया पूरा जंगल , और धरती के नीचे मिला एक अनोखा शहर
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मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के एक तलाब में दिखे दुलर्भ प्रजाति के पीले मेंढक
Reviewed by R. Kumar
on
13 जुलाई
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